जिम्नास्ट दीपा करमाकर के मौजूदा रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ के लिए उनके नाम की सिफारिश किए जाने की उम्मीद है, हालांकि खेल मंत्रालय को सिफारिशें भेजी जाने की अंतिम सीमा खत्म हो गई है।

त्रिपुरा में जन्मीं 23 वर्षीय जिम्नास्ट 14 अगस्त को महिलाओं के वाल्ट फाइनल में चौथे स्थान पर रहकर रातोंरात स्टार बन गईं, वे महज 0.150 अंक से कांस्य पदक से चूक गईं। खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों ने हालांकि पुष्टि नहीं की कि दीपा के नाम की इस सबसे बड़े खेल सम्मान के लिए सिफारिश की गई है या नहीं? इसमें संदेह इस बात से भी बढ़ गया, जब दीपा के कोच बिश्वेश्वर नंदी ने कहा कि उन्हें भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। नंदी से जब रियो में संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, मैं पहली बार दीपा के खेल रत्न के लिए सिफारिश की बात सुन रहा हूं, लेकिन मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह स्पष्ट नहीं है कि किसने खेल रत्न के लिए उसके नाम की सिफारिश की है।
राज्य सरकारें, भारतीय ओलंपिक संघ, संबंधित राष्ट्रीय खेल महासंघ, पिछले खेल रत्न पुरस्कार हासिल कर चुके खिलाड़ी, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक ही खेल रत्न के लिए खिलाड़ियों के नाम की सिफारिश कर सकते हैं। खेल मंत्रालय के पास भी ऐसा करने का विशेषाधिकार है।