जीवन को आत्म-अज्ञान के बिंदु से देखना संसार है; आत्म-ज्ञान के बिंदु से देखना संन्यास है। इसलिए जब कोई कहता है कि मैंने संन्यास लिया है, तो मुझे बात बड़ी असत्य मालूम होती है। यह लिया हुआ संन्यास ही संसार के विरोध की भ्रांति पैदा कर देता है। संन्यास भी क्या लिया जा सकता है? क्या कोई कहेगा कि ज्ञान मैंने लिया है? लिया हुआ ज्ञान भी क्या कोई ज्ञान होगा? ऐसा ही लिया हुआ संन्यास भी, संन्यास नहीं होता है। सत्य ओढ़े नहीं जाते हैं। उन्हें तुम्हारे भीतर जगाना होता है। संन्यास का जन्म होता है। वह समझ से आता है। उस समझ से हम परिवर्तित होते जाते हैं। जैसे-जैसे हमारी समझ बदलती है, हमारी दृष्टि बदलती है और अनायास ही आचरण भी बदल जाता है। संसार जहां का तहां होता है, पर हमारे भीतर संन्यास का जन्म होता जाता है। संन्यास का अर्थ है: यह बोध कि मैं शरीर ही नहीं हूं, आत्मा हूं। इस बोध के साथ ही भीतर आसक्ति और अज्ञान नहीं रह जाता है। संसार बाहर था, अब भी वह बाहर होगा, पर भीतर उसके प्रति राग-शून्यता होगी, या यूं कहें कि संसार अब भीतर नहीं होगा।” संन्यास में हमने एंट्रेंस तो रखा है, एक्झिट नहीं रखा है। उसमें भीतर जा सकते हैं, बाहर नहीं आ सकते। और ऐसा स्वर्ग भी नरक हो जाता है जिसमें बाहर लौटने का दरवाजा न हो। वह परतंत्रता बन जाता है, कारागृह हो जाता है। कोई संन्यासी लौटना चाहे तो कोई क्या कर सकता है? वह लौट सकता है लेकिन आप उसकी निंदा करते हैं, अपमान करते हैं। कंडेमनेशन है उसके पीछे। और इसीलिए हमने एक तरकीब बना रखी है कि जब कोई संन्यास लेता है, तो उसका भारी शोरगुल मचाते हैं। जब कोई संन्यास लेता है तो बहुत बैंडबाजा बजाते हैं। जब कोई संन्यास लेता है तो बहुत फूलमालाएं पहनाते हैं, और यह उपद्रव का दूसरा हिस्सा है, वह उस संन्यासी को पता नहीं है कि अगर वह कल लौटा तो जैसे फूलमालाएं फेंकी गईं, वैसे ही पत्थर और जूते भी फेंके जांएगे। और ये ही लोग फेंकने वाले, कोई दूसरा आदमी नहीं होगा। असल में इन लोगों ने फूलामालाएं पहना कर उससे कहा कि अब सावधान, अब लौटना मत, जितना आदर दिया है उतना ही अनादर प्रतीक्षा करेगा। यह बड़ी खतरनाक बात है। इसके कारण न मालूम कितने लोग संन्यास का आनंद ले सकते हैं, वे नहीं ले पाते। वे कभी निर्णय ही नहीं कर पाते कि जीवन भर के लिए। जीवन भर का निर्णय बड़ी महंगी बात है, बड़ी मुश्किल बात है। फिर हकदार भी नहीं हैं हम जीवन भर के निर्णय के लिए।
Pages
- About Indian Youth Club
- Advocates and Ex-Judges Cell
- All Events
- Art & Culture Cell
- Blog
- Business Cell
- Complaint Cell
- Contact Address Home Page
- Doctor’s Cell
- Education Cell
- Event
- Events
- Events
- Ex-Soldier Cell
- FIGHT AGAINST CORRUPTION
- FIGHT AGAINST CRIME
- FIGHT AGAINST TERRORISM
- FIGHT AGAINST TERRORISM
- Gallery
- Home slider
- Home video
- Information
- Join Us
- launch magazine of aaaj ki delhi
- Make Donations
- Make Donations Ref
- Media Cell
- Mission
- Organization
- Others Cell
- Our Blog
- Post your Blog
- PROTECT INDIAN CULTURE
- PROTECT THE ENVIRONMENT
- RURAL EDUCATION DEVELOPMENT
- Science & IT Technology Cell
- Search
- Search By Country
- Service Class Cell
- Sports Cell
- Submit Post
- Thank You
- View all post
- Voting
- Women Cell
- WOMEN’S AND CHILDREN DEVELOPMENT
- Youth Icon Awards
0 Comments
You must be logged in to post a comment.