किसी व्यक्ति के निर्माण का स्वर्णिम काल “यौवन काल होता है ” जिसमे वह आने वाले लम्बे जीवन के लिए शरीर ,मन और आत्मा का निर्माण करता एंव विकास करता है ।इसी नीव पर वह जीवन का मजबूत भवन खड़ा करता है ,और उसका भोग करता है किसी भी राष्ट्र के विकास की आधारशिला और उर्जा देश की युवा शक्ति होती है]