कभी सबको सलाम ठोंकने वाला चौकीदार बन गया कलेक्टर

भौतिक सुख-सुविधाओं के हम आदी हो चुके हैं. और इसी ने हमें आलसी बना दिया है. निजी कंपनी में नौकरी करने वाले लोग अक्सर यह कहते हुए पाए जाते हैं कि यार कंपनी बहुत काम लेती है. 9 घंटे की नौकरी…… 10 घंटे की नौकरी…. सारा समय ऑफिस में निकल जाता है……. ……ब्ला…ब्ला. पर इस […]

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राजस्थान – सरपंच और शिक्षा

राजस्थान के पंचायती राज विभाग ने एक प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा है जिसमें उनकी मंशा इस बार होने वाले पंचायती चुनावों में अशिक्षित लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने की है. यदि प्राथमिक तौर पर देखा जाये तो इस तरह के प्रस्ताव में कोई अनुचित बात नहीं पर वर्षों से गांवों की राजनीति में […]

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कूड़ा बीनते बच्चों के लिए व्यावहारिकता अपनाने की आवश्यकता है

  सड़क किनारे कू ड़ा-करकट, खाली बोतलें, पॉलीथीन, रैपर आदि समेटते बच्चे किसी एक शहर में नहीं वरन लगभग सभी शहरों में मिल जायेंगे. बच्चों का कूड़ा बीनने के साथ-साथ भीख माँगने में, अनेक जगहों पर काम करने में लगा देखा जा सकता है. ये समस्या आज़ादी के बाद से ही एक प्रमुख समस्या के […]

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बेटियों के लिए हम बनें जागरूक

इंसानी कदम आधुनिकता के साथ अंतरिक्ष की ओर बढ़ते जा रहे हैं किन्तु ‘कन्या भ्रूण हत्या’ जैसा कृत्य उसको आदिमानव सिद्ध करने में लगा है। समाज में बच्चियों की गिरती संख्या से अनेक तरह के संकट, अनेक विषमताओं के उत्पन्न होने का संकट बन गया है। विवाह योग्य लड़कियों का कम मिलना, महिलाओं की खरीद-फरोख्त, […]

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समझाना और समझना

कभी मैंने उसे न समझा कभी उसने मुझे न जाना और हो गई गलत फहमियां एक रास्ते के थे हमसफर हम मंजिलें भी हो गई जुदा-जुदा न मालूम मैंने क्या समझाया न जाने उसने क्या समझा समझने- समझाने के फेर में समझ- समझ का फर्क आ गया समझते – समझते आ गई मुझ में समझ […]

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सूर्य नमस्कार के 12 चरण और उनके लाभ जानिए

सूर्य नमस्कार के द्वारा त्वचा रोग समाप्त हो जाते हैं अथवा इनके होने की संभावना समाप्त हो जाती है। इस अभ्यास से कब्ज आदि उदर रोग समाप्त हो जाते हैं और पाचन तंत्र की क्रियाशीलता में वृद्धि हो जाती है। इस अभ्यास के द्वारा हमारे शरीर की छोटी-बड़ी सभी नस-नाडि़यां क्रियाशील हो जाती हैं, इसलिए […]

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सम्मान के साथ हो कश्मीरी पंडितों की घर वापसी: महबूबा

जम्मू। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों की घाटी में ‘सम्मान और गरिमा’ के साथ वापसी की इच्छा जाहिर की। हालांकि ऐसे खोखले वादे वहां की पार्टियां करती रही है। महबूबा ने रविवार को कश्मीरी पंडित समुदाय के विस्थापित सदस्यों के साथ यहां हुई एक बैठक को संबोधित करते हुए […]

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आखिरी सच

शहर में गूंजे बस झूठ ही झूठ, अब तो ये सारा जमाना ही झूठा लागे सच कही छुप कर बैठा हैं शायद जो सबकी आवाजो से कुछ रुठा वो लागे । बढ़ रही बेमानिया, बुराई का अब क्या मैं कहू अन्याय देखती खामोशिया, बिन बोले अब कैसे मैं रहू ईमान कही डर कर बैंठा हैं […]

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‘‘गूंज हैं-सब एक हो’’-सुधांशु शर्मा

मायने बदले-बदले, उतरी सी हुयी हैं शक्ले, इतने महंगे तेरे तेवर क्यों हैं? रिश्तो में हैं क्यो मिलावट, सर पे गुस्सा देता आहट, छत होकर भी सब बेघर क्यो हैं? इधर भी देखो जिधर भी देखो सब लड़े-भिड़े से जुदा, अब तो मानो तुम ये जानो क्या सोचेगा वरना खुदा? गूंज हैं रुठे दिलो को […]

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निराशा में आशा की किरण

पिछले दो दशकों में भ्रष्टाचार के सारे रिकोर्ड तोड़ चुकी भारतीय राजनीती का स्तर इतना निम्न हो गया की लोग राजनेता का मतलब भ्रष्ट मानने लगे. ऐसे में नेताओ के आचार विचार और उनके पहनावे के अनुकरण की बात बेमानी हो गयी. आम सभाओं में लोग नेताओं को सुनने नहीं, उनकी निकटता पाने और उनके […]

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