केरल से करगिल घाटी तक गौहाटी से चौपाटी तक सारा देश हमारा
जीना हो तो मरना सीखो गूँज उठे यह नारा
केरल से करगिल घाटी तक सारा देश हमारा
ये आगाज है भारतीय युवा संगठन द्वारा
लगता है ताज़े लोहू पर जमी हुई है काई
लगता है फिर भटक गई है भारत की तरुणाई
काई चीरो ओ रणधीरों! ओ जननी की भाग्य लकीरों
बलिदानों का पुण्य मुहूरत आता नहीं दुबारा
जीना हो तो मरना सीखो गूँज उठे यह नारा
केरल से करगिल घाटी तक सारा देश हमारा
ये आगाज है भारतीय युवा संगठन द्वारा
घायल अपना ताजमहल है घायल गंगा मैया
टूट रहे हैं तूफ़ानों में नैया और खिवैया
तुम नैया के पाल बदल दो तूफ़ानों की चाल बदल दो
हर आँधी का उत्तर हो तुम तुमने नहीं विचारा
जीना हो तो मरना सीखो गूँज उठे यह नारा
केरल से करगिल घाटी तक सारा देश हमारा
ये आगाज है भारतीय युवा संगठन द्वारा
कहीं तुम्हें परबत लड़वा दे कहीं लड़ा दे पानी
भाषा के नारों में गुप्त है मन की मीठी बानी
आग लगा दो इन नारों में इज़्ज़त आ गई बाज़ारों में
कब जागेंगे सोये सूरज! कब होगा उजियारा
जीना हो तो मरना सीखो, गूँज उठे यह नारा
केरल से करगिल घाटी तक सारा देश हमारा
ये आगाज है भारतीय युवा संगठन द्वारा
संकट अपना बाल सखा है इसको कठ लगाओ
क्या बैठे हो न्यारे-न्यारे मिल कर बोझ उठाओ
भाग्य भरोसा कायरता है कर्मठ देश कहाँ मरता है
सोचो तुमने इतने दिन में कितनी बार हुँकारा
जीना हो तो मरना सीखो गूँज उठे यह नारा
केरल से करगिल घाटी तक सारा देश हमारा
ये आगाज है भारतीय युवा संगठन द्वारा