भारतवासी बहुत दिनों से उन लुटेरों का नाम जानने के लिए उत्सुक हैं, जिन्होंने लुटे धन को विदेशी स्विस बैंकों में रख कर देश में इज्जत की रोटी खा रहे हैं. देश में जिनके पास काला धन है,उन्हें पकडे जाने की चिंता है. 17 अक्टूबर को जयललिता यानि अम्मा जी, को बहुत सारे शर्तों के साथ, जमानत सर्वोच्च न्यायालय से मिला है. उनके ऊपर आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. अगर अम्मा जी का धन स्विस बैंकों में रहता तो कोई जान भी नहीं पाता और सरकार कहती कि हम किसी समझौता के तहत नाम नहीं बता सकते. . दिसंबर-13 तक स्विस बैंकों में जमा भारतियों के धन का जो आकड़ा है, वह भी चौकाने वाला है. दिसंबर-12 तक के धन के तुलना में 42% ज्यादा है. एक तरफ देश का काला धन विदेशी बैंकों से लाने के लिए के लिए देश में धरना-प्रदर्शन हो रहा है, वहीँ भारत का काला-धन विदेशी बैंकों में ज्यादा जमा हो रहा है. स्पष्ट हैं कि जमा करने वाले बेखौफ हैं और इस बात के लिए आश्वस्त हैं कि उनका कुछ बिगड़ने वाला नहीं है. उनके इज्जत और प्रतिष्ठा पर आंच आने वाला नहीं है और संपत्ति सुरक्षित है. . अभी मोदी जी के प्रधान मंत्री बनने के बाद देश की जनता, सरकार से ज्यादा उम्मीद पाले हुए है. मोदी जी ने चुनावी सभाओं में नाम नहीं बताने के लिए कांग्रेस को भरपूर कोसा था और कहा था कि भाजपा कि सरकार बनते ही वैसे लोगों को बेनकाब किया जायेगा. लोगों को लगता है कि भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के युग का अंत होने वाला है. ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय में सरकार के तरफ से कहना कि नाम नहीं बताया जा सकता है, निराशा पैदा करती है. हालांकि अरुण जेटली ने बाद में सफाई पेश किया कि स्विस बैंक नाम बताने को राजी हो गया है. लेकिन जमाकर्ताओं के बुलंद हौसला को देखते हुए लगता है कि इस मामले में सिर्फ लीपा-पोती ही हो रही है. स्विस बैंकों में एक साल में 42% की वृद्धि इस बात को दर्शाता है की कालेधन के कारोबारी बेखौफ हैं और उनको कही से भी अभय दान जरूर है. देशवासियों को कालाधन के बारे में नाम जानने का हक़ हैं ,चाहे नाम जिसका भी हो, चाहे जाँच एजेंसिया उन नामों पर जाँच कर रही है या नहीं. . मोदी जी को अपार जन-समर्थन के पीछे की पृष्ट्भूमियों पर नजर डाले तो उसमे काला-धन वापसी और उन का नाम उजागर करने की शर्त का बहुत महत्व है. बाबा रामदेव जी ने काला धन का मुद्दा उठा कर आम जनता को गोल-बंद किया था. अन्ना हज़ारे की टीम ने भी इस मुद्दे पर जोर दिया था. देश भर के राजनीतिज्ञ जो केंद्रीय सत्ता में नहीं थे, सबने देश की जनता के सपनों को जगाया था. खुद भाजपा के सभी छोटे बड़े नेता कांग्रेस पर नाम नहीं उजागर करने का मुद्दा उठाया था. कई राजनेताओं ने तो सोनिया गांधी की भी धन होने की बात कही थी. . क्या यह समझा जाना चाहिए कि काले धन की चर्चा सत्ता से बाहर रहने वालों को ही करनी चाहिए? क्या कांग्रेस ने समझौता कर के मोदी सरकार की बोलती बंद कर दी है? भारतीय जनता स्विस बैंक में धन जमा करने वाले सभी व्यक्तियों के बारे में जानना चाहती है, चाहे उन पर जाँच चल रहा हो या नहीं. ज्ञात या अज्ञात भारतीय धन के बारे में भारतीयों को जानने का हक़ है.
Pages
- About Indian Youth Club
- Advocates and Ex-Judges Cell
- All Events
- Art & Culture Cell
- Blog
- Business Cell
- Complaint Cell
- Contact Address Home Page
- Doctor’s Cell
- Education Cell
- Event
- Events
- Events
- Ex-Soldier Cell
- FIGHT AGAINST CORRUPTION
- FIGHT AGAINST CRIME
- FIGHT AGAINST TERRORISM
- FIGHT AGAINST TERRORISM
- Gallery
- Home slider
- Home video
- Information
- Join Us
- launch magazine of aaaj ki delhi
- Make Donations
- Make Donations Ref
- Media Cell
- Mission
- Organization
- Others Cell
- Our Blog
- Post your Blog
- PROTECT INDIAN CULTURE
- PROTECT THE ENVIRONMENT
- RURAL EDUCATION DEVELOPMENT
- Science & IT Technology Cell
- Search
- Search By Country
- Service Class Cell
- Sports Cell
- Submit Post
- Thank You
- View all post
- Voting
- Women Cell
- WOMEN’S AND CHILDREN DEVELOPMENT
- Youth Icon Awards
0 Comments
You must be logged in to post a comment.