नई दिल्ली/ काठमांडू। भारत के दक्षिण एशियाई देशों की जनता को एक दूसरे के और नजदीक लाने और उन्हें जोड़ने के एजेंडा के साथ मंगलवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने काठमांडू के स्वंनभू टर्मिनल से काठमांडू-दिल्ली बस सेवा को हरी झंडी दिखाई, जिसे ‘पशुपतिनाथ एक्सप्रेस’ नाम दिया गया है, तो दूसरी तरफ केन्द्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने राजधानी से दिल्ली-काठमांडू-दिल्ली बस को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। गडकरी ने कहा कि नेपाल के साथ संबंधों को मजबूत बनाने और नेपाल की प्रगति में योगदान देने की अपनी इच्छा व्यक्त करने की प्रधानमंत्री की पहल के फलस्वकरूप इस सेवा का शुभारम्भ‍ किया गया है। इस बस सेवा को व्यापार और पर्यटन के क्षेत्र में बड़ी सफलता माना जा रहा है और इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और भी मजबूत होंगे। यह बस नई दिल्ली से लखनऊ, गोरखपुर, सुनौली, भैरहवा होते हुए काठमांडू जाएगी। दोनों ओर से प्रतिदिन कम से कम एक बस चलाई जाएगी। इस सेवा का संचालन दिल्ली परिवहन निगम कर रहा है। इस मार्ग पर नियमित बस दिल्ली से सुबह 10 बजे रवाना होकर अगले दिन शाम चार बजे काठमांडू पहुंचेगी। रास्ते में बस फिरोजाबाद, फैजाबाद, सुनौली, (सीमा) और नेपाल में मुगलिंग रूकेगी। यह बस 1250 किलोमीटर का रास्ता लगभग 30 घंटे में पूरा करेगी। भारतीय और नेपाली नागरिकों को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त आईडी कार्ड अपने साथ रखना होगा, वहीं विदेशी नागरिकों को पासपोर्ट दिखाना होगा। इस बस सेवा के समेत नेपाल और भारत के बीच ये लग्जरी बसें तीन रूट पर चलेंगी- काठमांडू से नई दिल्ली, काठमांडू से वाराणसी और पोखरा से नई दिल्ली। प्रेक्षकों का मानना है कि भारत का जोर दक्षेस देशों के बीच संपर्क मार्ग बढ़ाने का निरंतर रहा है ताकि इन देशं की जनता के लिए अवाजाही सुगम हो सके। भारत-पाकिस्तान तथा भारत-बांग्लादेश के बीच पहले से ही बस सेवा चल रही है, जबकि सूत्रों के अनुसार म्यांमार और भारत के बीच बस सेवा जल्द ही शुरू हो सकती है इस बारे मे सारी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है दिल्ली के उप-राज्यहपाल नजीब जंग, पर्यटन और संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा, सड़क परिवहन और जहाजरानी राज्यमंत्री पी राधाकृष्णंन और अन्य गणमान्य नागरिक इस अवसर पर उपस्थित थे।